एक पहल ,उत्तराखंड के गांधी स्वर्गीय इंद्रमणी बडोनी जी की जन्मभूमि से ।

उत्तराखंड के गांधी स्वर्गीय इंद्रमणी बडोनी जी की जन्मभूमि टिहरी जिले के राजकीय इन्टर कोलेज अखोड़ी में ” सौं करार लोकभाषा साहित्य समिति(राजि) ” के आह्वान पर ” अपनी बोली भाषा क बचाए रखने के लिए गढ़वाली कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर गढ़वाल के प्रसिद्ध कवि व लेखक श्री विशाल नैथानी , श्री बेलीराम कंसवाल , श्री विक्रम शाह , श्री हरीश बडोनी , श्री विजय प्रकाश रतूड़ी, श्री संजय चौधरी , श्री राम कुमार और सुप्रसिद्ध कवियत्री और लेखिका श्रीमती मधुरवादनी तिवाड़ी आदि ने कार्यक्रम में प्रतिभाग कर कविता का गढ़वाली में बाचन किया । इस कविसमेलन का उद्घाटन पूर्व ब्लॉक प्रमुख धनी लाल शाह, क्षेत्रपंचायत सदस्य विक्रम कुंवर अखोडी और सरोप मेहरा प्रधान ग्राम पंचायत अखोडी ने किया इस कार्यक्रम की अधयक्षता आचर्य महांवीर प्रसाद बडोनी जी ने की ! इस बीच प्रधानाचार्य राजकीय इन्टर कोलेज अखोड़ी अभिभावक शिक्षक संघ अध्यक्ष विक्रम घणाता ,सोभत चौधरी प्रधान ग्राम पंचायत करखेड़ी , कारण सिंह घणाता, दिनेश नेगी अध्यक्ष व्यापार मंंडल गोदाधार, सुनील नैथानी,प्रेम लाल रंगीला , कुलदीप चौधरी ,देवेन्द्र चौधरी, मनोहर चोधरी, मनमोहन मेहरा ,जितेंद्र राणा जित्ती,साकेत बडोनी साथ ही समस्त जनप्रतिनिधि भी मोजूद रहे l इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं जनता ने बड़ी संख्या में भाग लिया और सौं करार लोकभाषा साहित्य समिति ( राजि.) कि इस पहल स्वागत किया आपको बता दें कि यह जो कविसमेलन किया गया इसकी ख़ास बात यह रही की यह कविसमेलन गढ़वाली बोली में आयोजित किया गया इसबीच मधुरवादिनी तिवारी जी ने गढ़वाली में भूर्ण हत्या पर कविता बेटी बचाओ बेटी पढाओ शानदार कविता दर्सकों को समर्पित की !
नोनी की पुकार।
मैं दून्या मा औण दी म्येरी ब्वै
त्येरू रिणि मै रौलू सदानी
त्येरू छैल बणिंक म्येरी ब्वै
त्येरा गैल रौलू सदानी।
वंश बढोण का खातिर म्येरी ब्वै
त्वैतैं चैंदू कुणैठ्या उज्यालू
अफ्फु पिछने मै भुला ल्योलू अर
रौलू ब्वै मैं वैकू हिरवालू, गडवालू
मै दून्या मा – – –
पून्य कमौ तू हे म्येरी ब्वैई
भूर्ण हत्यां कू नौ मिट कौर
डौर छोडी दी म्येरी ब्वेई
मै दून्या मा ल्योण का खातिर
अफरा ज्यू मा सांसू भौर
मै दून्या मा- – – –
तू त बिज्यां भग्यान च म्येरी ब्वै
त्येरी कुखि हरि हरियाली
क्वै इनि बि छन दीन दुख्यारी
जौंकी कुखि न क्वै बालू नि जरमी
मै दून्या मा – – – – –
सूंणी मैन हे म्येरी ब्वैई
रंगिली पिंगली दून्या भलि स्वांणी
आंखी त म्येरी अज्यों खुलि बि नि छन पर
दून्या देखणा खूणी ज्यू ललचाणू
मै दून्या मा ओंण- – – –
पाडे ब्येटी मैं किसाण बणलु
पढ़ि ल्येखी तैं अग्ने सरलु
बछैन्द्रीपाल की चार म्येरी ब्वै
ऐबरेस्टै चोंटी लोंखुलू
कल्पना चावला जनि बंणीक
अंतरिक्ष की सैर करिक तैं ओलू
अखबारों मा त्येरू नौउ सारेआम करोलू
हे म्येरी ब्वै त्येरू नौ चम चम चमकोलू
मै दून्या मा ओंण- – – – – –
(पवन नैथानी सम्पादक ईमीडिया उत्तराखण्ड)